(Indian Stock Market Declines for 5 Months, FII Sell-Off & Rising Gold Prices Key Factors)
भारतीय शेयर बाजार पिछले 5 महीनों से लगातार गिरावट (Continuous Downtrend) झेल रहा है, जो 29 वर्षों में सबसे लंबी मंदी (Longest Bear Phase in 29 Years) मानी जा रही है। निफ्टी 50 ने सितंबर 2024 के उच्चतम स्तर से लगभग 15% की गिरावट दर्ज की है, जबकि सेंसेक्स में भी 13,000 अंकों की गिरावट आई है।
विदेशी निवेशकों (FII) की भारी बिकवाली मुख्य कारण
(Heavy Selling by Foreign Institutional Investors Main Reason)
📉 विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने पिछले 5 महीनों में भारतीय शेयर बाजार से लगभग 25 बिलियन डॉलर की निकासी की है।
📉 यह बिकवाली मुख्य रूप से उच्च वैल्यूएशन, वैश्विक अनिश्चितताओं और कमजोर कॉरपोरेट आय के कारण हो रही है।
📉 एफआईआई द्वारा की गई लगातार बिकवाली ने ब्लू-चिप, मिडकैप और स्मॉलकैप स्टॉक्स पर भारी दबाव डाला है।
स्मॉलकैप इंडेक्स में भारी गिरावट
(Significant Fall in Small-Cap Index)
📉 बीएसई स्मॉलकैप इंडेक्स (BSE SmallCap Index) में पिछले 5 महीनों में 14% की गिरावट दर्ज की गई है।
📉 स्मॉलकैप शेयरों में बड़े पैमाने पर मुनाफावसूली (Profit Booking) देखी गई है, क्योंकि निवेशकों को उच्च वैल्यूएशन और कम लिक्विडिटी का डर सता रहा है।
📉 छोटे निवेशकों को सबसे ज्यादा नुकसान, क्योंकि इस सेगमेंट में खुदरा निवेशकों की भागीदारी अधिक होती है।
📉 खास तौर पर निम्नलिखित सेक्टर्स प्रभावित:
- रीटेल और FMCG स्टॉक्स (Retail & FMCG Stocks)
- फार्मा और हेल्थकेयर (Pharma & Healthcare)
- माइक्रो फाइनेंस और NBFC सेक्टर (Microfinance & NBFC Sector)
मिडकैप इंडेक्स में बिकवाली जारी
(MidCap Index Faces Continued Sell-Off)
📉 निफ्टी मिडकैप 100 (Nifty MidCap 100) में केवल फरवरी में 10.8% की गिरावट देखी गई।
📉 मिडकैप स्टॉक्स में भी FII द्वारा बिकवाली बढ़ गई है, जिससे इस सेगमेंट में निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है।
📉 अहम सेक्टर्स प्रभावित:
- आईटी और टेक स्टॉक्स (IT & Tech Stocks)
- ऑटो और ऑटो एंसिलियरी सेक्टर (Auto & Auto Ancillary Sector)
- इंफ्रास्ट्रक्चर और रियल एस्टेट स्टॉक्स (Infrastructure & Real Estate Stocks)


प्रमुख स्टॉक्स में गिरावट (पिछले 5 महीनों में)
(Major Stocks Decline in Last 5 Months)
शेयर का नाम (Stock Name) | गिरावट (%) (Decline %) |
---|---|
रिलायंस इंडस्ट्रीज | 3.7% |
HDFC बैंक | मंदी का सामना कर रहा |
इंफोसिस | गिरावट जारी |
TCS | लगातार दबाव में |
महिंद्रा एंड महिंद्रा | अच्छी बिक्री के बावजूद अस्थिर |
सोने की कीमतों में उछाल
(Gold Prices Surge Amid Market Uncertainty)
📈 सोने की कीमतें अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं।
📈 5 फरवरी 2025 को 24 कैरेट सोने की कीमत 84,657 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई।
📈 शेयर बाजार में अनिश्चितता के कारण निवेशकों ने सोने को सुरक्षित निवेश (Safe-Haven Investment) माना, जिससे कीमतों में यह उछाल देखने को मिला।
📈 विश्लेषकों के अनुसार, सोने की कीमतें 2025 में और बढ़ सकती हैं, यदि बाजार की अस्थिरता जारी रहती है।
क्या आगे सुधार संभव है?
(Is Market Recovery Possible Ahead?)
📊 विश्लेषकों के अनुसार, बाजार में आंशिक सुधार संभव है:
✔ निफ्टी 50 मध्य-2025 तक 24,000 और वर्ष के अंत तक 25,689 तक पहुंच सकता है।
✔ सेंसेक्स 2025 के अंत तक 80,850 तक जाने की संभावना।
✔ स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में अभी बड़ी गिरावट की संभावना है, क्योंकि निवेशक पहले बड़े शेयरों में स्थिरता देखना चाहेंगे।
निवेशकों के लिए सलाह
(Advice for Investors)
✅ छोटी और अस्थिर कंपनियों में निवेश करते समय सतर्क रहें।
✅ सिर्फ मजबूत फंडामेंटल वाली कंपनियों में ही निवेश करें।
✅ FII की बिकवाली और वैश्विक बाजारों की स्थिति पर नजर बनाए रखें।
✅ स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में लंबी अवधि के लिए ही निवेश करें।
📢 भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता की वापसी की उम्मीद है, लेकिन स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में जोखिम बना रहेगा। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहने और सूझबूझ से निवेश करने की जरूरत है।
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